मै कौन हूँ,क्या काम मेरा क्या है मेरा नाम
क्या मेरी योजनाएँ, क्या मेरी पहिचान
वही कोयला जो पूरी तरह निशक्त
वर्तमान पीढी से कर रहा है प्रश्न
मै करता सबकी भलाई, लोग करते मेरी बुराई
जिसका इज्जत किया उसी से मिली फटकार
ये कैसा व्यवहार–मेरे प्रति ये कैसा व्यवहार
जैसे- जैसे मानव सभ्यता की सीढी-चढी
वैसे- वैसे निरन्तर मेरी उपयोगिता बढी
सिद्ध हुआ ईधन के रूप में अधिकाधिक उपयोगी
विद्युत उत्पादन का स्रोत बना हूँ मै कर्मयोगी
मेरे अन्दर उर्जा का विशाल है भंडार
ये कैसा व्यवहार–मेरे प्रति ये कैसा व्यवहार
पहले मानव श्रम के माध्यम से मुझे बाहर निकाला
आज मेरा सम्पर्क मशीनों से कर डाला
पहले बॉस की झोडी और माइन कार में बैठा करता
अब तो एस डी एल और कनवेयर बेल्ट पर चलता
खुद को देखा आइना में तो दिखती अपनी हार
ये कैसा व्यवहार–मेरे प्रति ये कैसा व्यवहार
मेरी परिकल्पना कर सकते है समाज के सामान्य
पहले मे सस्ता बिकता,आज कल इतना मूल्यवान
पहले जैसा तप-त्याग सरलता, देता नही दिखाई
वर्तमान में चमचागिरी,चुगुली,चापलुसी, चतुराई
कठ पुतली हो गये राजा चोर हो गये चौकीदार
ये कैसा व्यवहार–मेरे प्रति ये कैसा व्यवहार
सस्ता और अच्छा कब तक यहॉं टिकेगा
सुना है मेर समाज का विदेशी कोयला यहा बिकेगा
कोटा परमिट और दलाली होती है,बातो बातो में
पहले जैसा बिक जाउगा निजी मालिक के हाथों मे
लगाया गले सूखी माटी को,हर मजहब का किया श्रृगार
ये कैसा व्यवहार–मेरे प्रति ये कैसा व्यवहार
रामकृष्ण,लिपिक ग्रेड-1 राजभाषा
एमसीएल मुख्यालय,जागृति विहार